आयकर रिटर्न (ITR) फॉर्म 2 और 3, वित्तीय वर्ष 2024-25 (आकलन वर्ष 2025-26) के लिए कई महत्वपूर्ण बदलावों के साथ अपडेट किए गए हैं। ये बदलाव फाइनेंस एक्ट 2024 और आयकर विभाग के नए नियमों के अनुरूप हैं। नीचे मैं आपको ITR-2 और ITR-3 फॉर्म भरने की प्रक्रिया, पुराने नियमों की तुलना, और नए नियमों के फायदे और नुकसानों के बारे में विस्तार से बताऊंगा।
ITR-2 और ITR-3 क्या हैं?
ऐसे लोग, व्यक्तियों और हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) के लिए, जिनके पास व्यवसाय या पेशे से आय नहीं है, उनपर ITR-2 लागू होता है. अगर आपके पास वेतन या पेंशन है, एक से अधिक आवासीय संपत्ति से आय है, पूंजीगत लाभ (Capital Gains) है, विदेशी आय या संपत्ति है, 5,000 रुपये से अधिक की कृषि आय है, कंपनी के निदेशक या गैर-सूचीबद्ध इक्विटी शेयरों के धारक हैं, पति/पत्नी या नाबालिग बच्चे की आय को शामिल करते हैं तो आप भी ITR-2 भर सकते हैं. इसके अलावा, जिनके पास व्यवसाय या पेशे से आय है, वह लोग ITR-2 फॉर्नम हीं भर सकते हैं.
वहीं दूसरी तरफ, जिन व्यक्तियों और HUF के पास व्यवसाय या पेशे से आय है, वह सभी लोग ITR-3 फॉर्म भर सकते हैं. इसके लिए आय के स्रोत के रूप में उनके पास, स्वामित्व वाले व्यवसाय या पेशे से आय, साझेदारी फर्म में भागीदार की आय (LLP को छोड़कर), पूंजीगत लाभ, गैर-सूचीबद्ध इक्विटी शेयरों का स्वामित्व, डेरिवेटिव ट्रेडिंग से लाभ या हानि, वेतन-संपत्ति किराया या अन्य स्रोतों से अतिरिक्त आय है तो वह सभी लोग ITR-3 फॉर्म भर सकते हैं. यह भी ध्यान रखें कि, विशेष आवश्यकता के रूप में, नई कर व्यवस्था से बाहर निकलने के लिए फॉर्म 10-IEA दाखिल करना अनिवार्य है।
ITR-2 और ITR-3 भरने की प्रक्रिया (नए नियमों के साथ)
- आयकर विभाग की वेबसाइट (www.incometax.gov.in) पर अपने पैन और पासवर्ड के साथ लॉगिन करें।
- यदि आप पहली बार फाइल कर रहे हैं, तो पैन को आधार से लिंक करें और OTP सत्यापन करें।
- ITR-2: यदि आपके पास व्यवसाय या पेशे से आय नहीं है, लेकिन पूंजीगत लाभ, विदेशी आय, या एक से अधिक संपत्ति से आय है तो ITR-2 फॉर्म चुनें।
- ITR-3: यदि आपके पास व्यवसाय या पेशे से आय है, या आप साझेदारी फर्म में भागीदार हैं तो ITR-3 फॉर्म चुनें।
- टैक्स2विन या ClearTax जैसे AI-सक्षम प्लेटफॉर्म स्वचालित रूप से आपके लिए सही फॉर्म का चयन कर सकते हैं।
- आयकर विभाग ने 11 जुलाई 2025 को ITR-2 और ITR-3 के लिए एक्सेल यूटिलिटी जारी की। इसे पोर्टल से डाउनलोड करें।
- ऑफलाइन फाइलिंग के लिए, एक्सेल यूटिलिटी में डेटा भरें और XML जनरेट करें।
- पार्ट A – सामान्य जानकारी: नाम, पैन, आधार, पता, और संपर्क विवरण सत्यापित करें। कुछ डेटा प्री-फिल्ड होगा, जिसे आपके ई-फाइलिंग प्रोफाइल से संपादित किया जा सकता है। कर व्यवस्था (नई या पुरानी) का चयन करें। ITR-3 के लिए, पुरानी व्यवस्था चुनने हेतु फॉर्म 10-IEA दाखिल करें।
- शेड्यूल सैलरी: वेतन/पेंशन की जानकारी, छूट प्राप्त भत्ते, और धारा 16 के तहत कटौती दर्ज करें।
- शेड्यूल हाउस प्रॉपर्टी: स्व-कब्जे वाली, किराए पर दी गई, या डीम्ड लेट-आउट संपत्ति का विवरण। ITR-2 में एक से अधिक संपत्ति की जानकारी दे सकते हैं। नए नियम: धारा 24(b) के तहत ब्याज पर कटौती के लिए ऋण खाता संख्या प्रदान करें।
- शेड्यूल कैपिटल गेन्स: 23 जुलाई 2024 से पहले और बाद के पूंजीगत लाभ को अलग-अलग रिपोर्ट करें। शेयर बायबैक पर पूंजीगत हानि को धारा 2(22)(f) के तहत लाभांश आय के साथ जोड़ा जाना चाहिए।
शेड्यूल अन्य स्रोत: ब्याज, लाभांश, या अन्य आय (जैसे लॉटरी, जुआ) दर्ज करें। 1 अक्टूबर 2024 से शेयर बायबैक आय को “अन्य स्रोतों से आय” के तहत लाभांश के रूप में रिपोर्ट करें।
शेड्यूल TDS: वेतन के अलावा अन्य आय पर TDS के लिए विशिष्ट TDS धारा कोड दर्ज करें (जैसे 194S क्रिप्टो के लिए)।
शेड्यूल 80C, 80D, आदि: कटौती के लिए दस्तावेज़ संख्या, पॉलिसी नंबर, या ऋण खाता संख्या जैसे अतिरिक्त विवरण प्रदान करें।
शेड्यूल AL (संपत्ति और दायित्व): कुल आय 1 करोड़ रुपये से अधिक होने पर संपत्ति और दायित्व का विवरण अनिवार्य।
शेड्यूल TR और FA: विदेशी आय या संपत्ति के लिए कर राहत (TR) और विदेशी संपत्ति (FA) का विवरण दें।
डेटा सत्यापन और XML जनरेट करें: सभी अनुभागों को सत्यापित करें। एक्सेल यूटिलिटी में रीयल-टाइम त्रुटि जांच की सुविधा है। XML फाइल जनरेट करें और इसे ई-फाइलिंग पोर्टल पर अपलोड करें।
कर गणना और भुगतान: कर देयता की गणना करें। यदि कर देय है, तो “Pay Now” या “Pay Later” विकल्प चुनें। अग्रिम कर (Advance Tax) और स्व-मूल्यांकन कर (Self-Assessment Tax) का विवरण दर्ज करें।
ई-सत्यापन: आधार OTP, नेट बैंकिंग, या डिजिटल हस्ताक्षर के माध्यम से रिटर्न को ई-सत्यापित करें। यह अनिवार्य है।
रिटर्न जमा करें: XML अपलोड करने के बाद, रिटर्न जमा करें और पावती (ITR-V) डाउनलोड करें।
जरूरी दस्तावेज
- फॉर्म 16 (वेतन के लिए), फॉर्म 16A (TDS के लिए), AIS, फॉर्म 26AS
- पूंजीगत लाभ के लिए बिक्री और खरीद के दस्तावेज
- विदेशी आय/संपत्ति के लिए विवरण
- कटौती (80C, 80D, आदि) के लिए रसीदें
- व्यवसाय के लिए लाभ-हानि खाता और बैलेंस शीट (ITR-3 के लिए)
पहले के नियम बनाम नए नियम
पहलू | पहले के नियम (AY 2024-25 तक) | नए नियम (AY 2025-26) |
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पूंजीगत लाभ की रिपोर्टिंग | पूंजीगत लाभ को एकमुश्त रिपोर्ट किया जाता था। | 23 जुलाई 2024 से पहले और बाद के लाभ को अलग-अलग रिपोर्ट करना अनिवार्य। |
LTCG छूट सीमा | सूचीबद्ध शेयरों और इक्विटी म्यूचुअल फंड पर LTCG छूट 1 लाख रुपये थी। | LTCG छूट सीमा बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये। ITR-1 और ITR-4 में भी अब LTCG शामिल। |
संपत्ति और दायित्व (Schedule AL) | 50 लाख रुपये से अधिक आय वालों के लिए अनिवार्य। | 1 करोड़ रुपये से अधिक आय वालों के लिए अनिवार्य। |
TDS धारा कोड | TDS धारा कोड की रिपोर्टिंग जरूरी नहीं थी। | वेतन के अलावा अन्य आय पर TDS धारा कोड अनिवार्य। |
कटौती विवरण | कटौती (80C, 80D, आदि) के लिए अतिरिक्त विवरण की जरूरत नहीं थी। | पॉलिसी नंबर, ऋण खाता संख्या, फॉर्म 10-IA/10-BA की पावती संख्या अनिवार्य। |
शेयर बायबैक | बायबैक आय को पूंजीगत लाभ के रूप में माना जाता था। | 1 अक्टूबर 2024 से बायबैक आय को लाभांश के रूप में “अन्य स्रोतों से आय” में रिपोर्ट करें। |
फॉर्म 10-IEA | पुरानी कर व्यवस्था चुनने के लिए फॉर्म 10-IEA की जरूरत थी। | ITR-3 के लिए फॉर्म 10-IEA अनिवार्य, ITR-2 में सीधे रिटर्न में विकल्प चुन सकते हैं। |
नए ITR नियमों के फायदे
LTCG छूट सीमा में वृद्धि: सूचीबद्ध शेयरों और इक्विटी म्यूचुअल फंड पर LTCG छूट 1 लाख से बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये की गई। इससे छोटे निवेशकों को कर में राहत मिलेगी। अब ITR-1 और ITR-4 का उपयोग 1.25 लाख रुपये तक के LTCG के लिए किया जा सकता है, जिससे प्रक्रिया सरल हुई।
Schedule AL की सीमा बढ़ाना: संपत्ति और दायित्व की रिपोर्टिंग अब केवल 1 करोड़ रुपये से अधिक आय वालों के लिए अनिवार्य है। इससे 50 लाख से 1 करोड़ रुपये की आय वालों को राहत मिलेगी।
बायबैक कराधान में स्पष्टता: शेयर बायबैक आय को लाभांश के रूप में माना जाना और पूंजीगत हानि की अनुमति स्पष्टता लाती है। यह कर गणना को पारदर्शी बनाता है।
विस्तारित समयसीमा: ITR दाखिल करने की समयसीमा 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दी गई। इससे करदाताओं को अधिक समय मिलेगा।
रीयल-टाइम त्रुटि जांच: एक्सेल यूटिलिटी में रीयल-टाइम त्रुटि जांच और स्मार्ट वैलिडेशन से गलतियों की संभावना कम होगी।
नए नियमों के नुकसान
अधिक जटिलता: पूंजीगत लाभ को 23 जुलाई 2024 से पहले और बाद में अलग-अलग रिपोर्ट करने की आवश्यकता से गणना जटिल हो गई है। TDS धारा कोड और अतिरिक्त कटौती विवरण (जैसे पॉलिसी नंबर) की अनिवार्यता ने प्रक्रिया को और जटिल बनाया।
विलंबित यूटिलिटी रिलीज: ITR-2 और ITR-3 की एक्सेल यूटिलिटी में देरी (11 जुलाई 2025 तक) के कारण शुरुआती फाइलरों को असुविधा हुई। ऑनलाइन यूटिलिटी अभी भी प्रतीक्षित है।
बायबैक आय पर कर बोझ: शेयर बायबैक आय को अब लाभांश के रूप में माना जाता है, जिस पर सामान्य आयकर स्लैब दरों के अनुसार कर लगेगा। यह उच्च आय वर्ग के लिए कर बोझ बढ़ा सकता है।
अतिरिक्त दस्तावेजीकरण: कटौती के लिए अतिरिक्त विवरण (जैसे फॉर्म 10-IA/10-BA की पावती) और TDS कोड की आवश्यकता से दस्तावेजीकरण का बोझ बढ़ा है।
प्रौद्योगिकी पर निर्भरता: नए नियमों के लिए अपडेटेड सॉफ्टवेयर और ऑनलाइन पोर्टल पर निर्भरता बढ़ी है, जिसके कारण तकनीकी समस्याएं (जैसे यूटिलिटी में देरी) करदाताओं के लिए परेशानी का कारण बन सकती हैं।
नए नियमों का प्रभाव
जहां एक तरफ यह सरलता, बढ़ी हुई LTCG छूट, और विस्तारित समयसीमा छोटे और मध्यम करदाताओं के लिए लाभकारी हैं। वहीं दूसरी तरफ जटिल रिपोर्टिंग और अतिरिक्त दस्तावेजीकरण से उच्च आय वर्ग और जटिल वित्तीय प्रोफाइल वालों को असुविधा हो सकती है।
निष्कर्ष और सुझाव
ITR-2 और ITR-3 भरने के लिए, सही ITR फॉर्म का चयन करें और सभी आवश्यक दस्तावेज (फॉर्म 16, 26AS, AIS, आदि) पहले से तैयार रखें। पूंजीगत लाभ की तारीखों (23 जुलाई 2024 से पहले/बाद) पर विशेष ध्यान दें।TDS कोड और कटौती विवरण सटीकता से भरें।समयसीमा (15 सितंबर 2025) का पालन करें और ई-सत्यापन समय पर करें।
इसके अलावा सुझाव दिया जाता है कि, ClearTax या Tax2win जैसे AI-सक्षम प्लेटफॉर्म का उपयोग करें, जो स्वचालित रूप से सही फॉर्म और कर व्यवस्था का चयन करते हैं। देरी से बचने के लिए जल्दी फाइल करें, खासकर यदि आपके पास जटिल आय स्रोत हैं।यदि आपकी आय जटिल है (जैसे विदेशी आय, पूंजीगत लाभ), तो चार्टर्ड अकाउंटेंट की मदद लें।
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